पुलिस की पहल और महिला शक्ति के संकल्प से ग्राम पंचायत दर्रामुड़ा, गुडगहन हुआ नशा मुक्त — जूटमिल पुलिस ने महिला समूह और सरपंच को किया सम्मानित
पुलिस की पहल और महिला शक्ति के संकल्प से ग्राम पंचायत दर्रामुड़ा, गुडगहन हुआ नशा मुक्त — जूटमिल पुलिस ने महिला समूह और सरपंच को किया सम्मानित


● *महिला समूह की अनुकरणीय एकता देखकर पडोस के गांवों भी ले रहे प्रेरणा, थाना प्रभारी ने कहा शराब झगड़ा विवाद और अपराध का बड़ा कारण*
*रायगढ़, 2 नवंबर* । पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल के दिशा-निर्देशन में अवैध शराब पर रोकथाम की मुहिम अब जनआंदोलन का रूप लेने लगी है। थाना जूटमिल क्षेत्र के ग्राम पंचायत दर्रामुड़ा का गांव गुडगहन डिपापारा ने अपने सामूहिक प्रयास और महिला शक्ति की अगुवाई में नशा मुक्त गांव बनकर एक मिसाल कायम की है। इस सराहनीय पहल के लिए थाना जूटमिल में आयोजित विशेष कार्यक्रम में थाना प्रभारी ने महिला समूह की सदस्यों और ग्राम सरपंच क्षितेश्वर गुप्ता को पुलिस द्वारा सम्मानित किया गया।
थाना प्रभारी निरीक्षक प्रशांत राव के नेतृत्व में जूटमिल पुलिस द्वारा लगातार गांव-गांव चौपाल लगाकर लोगों को अवैध शराब के दुष्परिणामों से अवगत कराया जा रहा था। इसी क्रम में दर्रामुड़ा में निरीक्षक प्रशांत राव, उप निरीक्षक गिरधारी साव और स्टाफ ने जनचौपाल में ग्रामीणों से अपील की कि वे स्वयं आगे आकर नशे से मुक्त वातावरण बनाएं। पुलिस की समझाइश का गहरा असर हुआ और गांव की महिलाओं ने एक स्वर में शराब बंदी का संकल्प लिया जिसमें ग्राम सरपंच क्षितेश्वर गुप्ता ने विशेष रूचि के साथ पुरूषों को भी जोड़ा गया है। देखते ही देखते गांव की 49 महिलाएं और 35 पुरूष मिलकर “महिला निगरानी समूह” का गठन कर लिया और प्रतिदिन टॉर्च, डंडा लेकर रात्रि गश्त प्रारंभ कर दी। गश्त के लिए बकायदा गांव में महिला-पुरूष की 12 टीमें बनी है और इनका रोस्टर भी बनाया गया है कि किस दिन कौन गश्त करेगा ।
महिलाओं के साहस और निगरानी से गांव में अवैध शराब बनाना, बेचना और पीना पूरी तरह बंद हो गया है। यहां तक कि अब गांव में कोई व्यक्ति सार्वजनिक रूप से शराब पीने की हिम्मत नहीं करता। समूह की महिलाएं न केवल नशे के खिलाफ पहरेदारी कर रही हैं, बल्कि गांव में किसी घर में विवाद की स्थिति बनने पर भी वहां पहुंचकर आपसी सुलह करा रही हैं। सरपंच क्षितेश्वर गुप्ता ने बताया कि पूर्व में गांव के दो व्यक्तियों को अवैध शराब बनाते हुए पकड़ा गया था, जिन पर कार्रवाई कर पुलिस ने जेल भेजा। ग्रामसभा में यह निर्णय भी लिया गया कि उनकी जमानत नहीं ली जाएगी।
दर्रामुड़ा में शराबबंदी से सामाजिक माहौल पूरी तरह बदल गया है—गांव में अब शांति, सौहार्द और एकता का वातावरण है। इस प्रेरक पहल से प्रभावित होकर पड़ोसी ग्राम डूमरपाली के सरपंच ने भी अपने गांव में महिला समूह बनाकर इसी तरह की रात्रि पेट्रोलिंग शुरू की है।
थाना जूटमिल में आयोजित सम्मान समारोह में निरीक्षक प्रशांत राव ने महिला समूह की सदस्यों और सरपंच का अभिनंदन करते हुए कहा कि “दर्रामुड़ा का यह उदाहरण पूरे जिले के लिए प्रेरणा है। थाना प्रभारी ने कहा कि अपराध का बड़ा कारण शराब है । वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देशन मार्गदर्शन पर महिला शक्ति के सहयोग से अब अन्य गांवों में भी इसी प्रकार अवैध शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मुहिम जारी रहेगी।”

