फवती नामांतरण के लिए 5000 की रिश्वत मांग रही पटवारी! पीड़ित युवक ने राज्यसभा सांसद से मांगी आर्थिक मदद

फवती नामांतरण के लिए 5000 की रिश्वत मांग रही पटवारी! पीड़ित युवक ने राज्यसभा सांसद से मांगी आर्थिक मदद




लैलूंगा/कोंडकेल, लैलूंगा
राजस्व व्यवस्था की सड़ांध एक बार फिर उजागर हुई है, जब ग्राम कोंडकेल निवासी सोनू सिदार ने अपने पिता के नाम की जमीन के फवती नामांतरण के लिए हल्का 23 की पटवारी संगीता गुप्ता द्वारा 5000 रुपये रिश्वत मांगने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। हद तो तब हो गई जब पीड़ित युवक ने पैसे न होने की दशा में सीधे राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह से मदद की गुहार लगाई।
दिनांक 20 मार्च 2025 को लिखे गए पत्र में सोनू सिदार ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि उनके पिता स्व. हीरा सिदार की मृत्यु के बाद वे फवती नामांतरण की प्रक्रिया के लिए पटवारी के पास गए, जहां उनसे खुले शब्दों में 5000 रुपये की मांग की गई। युवक ने इस मांग को रिश्वत बताते हुए कहा कि उसके पास इतनी रकम नहीं है, इसलिए वह भारत सरकार के प्रतिनिधि, राज्यसभा सांसद महोदय से सीधे नगद सहायता की अपील कर रहा है।
बात यहीं खत्म नहीं होती — सोनू सिदार ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक सिदार को भी इसकी जानकारी देते हुए पत्र लिखा था, परंतु अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। इस पूरे मामले ने राजस्व विभाग में फैले भ्रष्टाचार और लापरवाही की पोल खोलकर रख दी है।
प्रशासन की चुप्पी, जनता की बेबसी
लैलूंगा क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि यह पहला मामला नहीं है — पटवारी संगीता गुप्ता के खिलाफ पहले भी गैरहाज़िरी, रिश्वतखोरी, और कार्य में लापरवाही की शिकायतें सामने आई हैं। बावजूद इसके, प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। गांव वालों का आरोप है कि “नामांतरण, फसल गिरदावरी, या नक्शा-पंचनामा किसी भी कार्य के लिए बिना ‘नज़राना’ दिए कोई काम नहीं होता।”
सांसद से सीधी गुहार: व्यवस्था पर तमाचा
सोनू सिदार द्वारा सांसद से सीधे 5000 रुपये की सहायता की मांग करना, शासन-प्रशासन की विफलता पर बड़ा तमाचा है। यह घटना बताती है कि अब जनता को भ्रष्ट तंत्र से निपटने के लिए प्रतिनिधियों से सीधा हस्तक्षेप मांगना पड़ रहा है।
क्या अब जागेगा प्रशासन?
इस पत्र की प्रतिलिपि अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है। जनता पूछ रही है —
क्या प्रशासन पटवारी संगीता गुप्ता पर कोई कार्यवाही करेगा?
क्या रिश्वत मांगने वालों पर FIR दर्ज होगी?
क्या राज्यसभा सांसद महोदय पीड़ित की मदद करेंगे?
यदि इस बार भी मामले को रफा-दफा कर दिया गया, तो यह जनआक्रोश की आग को भड़काने वाला मामला बन सकता है। लैलूंगा क्षेत्र की जनता अब जवाब चाहती है — “क्या गरीब का हक भी अब रिश्वत के बिना नहीं मिलेगा?”
किया कहते है जनप्रतिनिधि
ये मामला संज्ञान में आया है और ऐसे ग्रामीण जनों से पैसा मांग करना ठीक नही इसका जांच किया जाएगा और निलंबित की उचित कार्यवाही की जाएगी ।
दिपक सिदार जिला पंचायत उपाध्यक्ष

